सेवाग्राम : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 73वें बलिदान दिवस पर सेवाग्राम आश्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आये सर्वोदय कार्यकर्ताओं ने उपवास किया तथा संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन अधिनियम एन.आर.सी और एन.पी.आर. के खिलाफ सत्याग्रह किया|
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष श्री महादेव विद्रोही ने कहा आज़ादी के पहले से बापू के हत्या के प्रयास होते रहे है. 1944 में सेवाग्राम आश्रम में भी उनके हत्या के प्रयास किया गया. 30 जनवरी 1948 को छठे प्रयास में वे सफल हुए. श्री विद्रोही ने कहा कि बापू का नश्वर शरीर भले ही हमारे बीच नहीं हो पर उनके विचार सदियों तक मानवता का मार्गदर्शन करते रहेंगे. जो लोग समझते है कि गांधी को मार देने से गांधी विचार खत्म हो गया. उनकी यह सोच मूर्खता की पराकाष्ठा है. गांधी को मारा नहीं जा सकता है. दुनिया में जहां भी दमन और शोषण है एवं विषमता है उन सारे जगहों पर गांधी चट्टान की तरह खड़ा है.
विनाश की और बढ़ रही दुनिया गांधी की तरफ आशा की नजरों से देख रही है वही दुसरी और भारत में कुछ सांप्रदायिक शक्तियां गांधी का अपमान तथा गांधी के हत्यारे के महिमामंडन में लगी हुई है. दक्षिण अफ्रिका में सी.ए.ए. तथा एन.आर.सी की तरह का कानून लाया गया था तो महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय समुदाय के लोगों ने इसके खिलाफ सत्याग्रह किया और जेल गए. दुर्भाग्य है कि जिस कानून के खिलाफ गांधी ने सत्याग्रह किया था उसी कानून को देश में लागू किया जा रहा है.
भारत के संविधान का अनुच्छेद 14 कहता है कि यहां किसी के साथ धर्म, भाषा, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा पर यह सी.ए.ए. खुले आम संविधान की इस भावना की रोंद रही है. हमारे देश में 1959 में लाखों की संख्या में परम पावन दलाई लामा के नेतृत्व में तिब्बत के शरणार्थी आये थे. उसी तरह भारत में नेपाल के लाखों लोग है. नये कानून के अनुसार उन सबकी नागरिकता नहीं मिलेगी.
देश में आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र के बावजूद एन.आर.सी का कोई तात्पर्य नहीं है. विडम्बना तो यह है कि असम में एक ही परिवार के कुछ लोग भारतीय तो कुछ विदेशी घोषित हो चुके हैं. कुल मिलाकर यह कवायत नोटबंदी की तरह जनता को कतार में खड़ा करने का अपराध मात्र है. सर्व सेवा संघ इसके खिलाफ देश भर में आन्दोलन खड़ा करेगा.
सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘गांधी का मरत नाही’ के लेखक श्री चंद्रकांत वानखेड़े ने कहा गांधी के बारे में पहले से ही हिन्दुत्ववादी विचार धारा के लोग बदनामी करते आये हैं. हाल में सत्ता प्राप्ति के बाद इन गतिविधियों में तेज़ी आ रही है और गांधी के हत्यारों को मान सन्मान किया जा रहा है. राष्ट्रीय एकात्मता को बाधा लाने की हर कोशिश की जा रही है. आज गांधी पूण्य स्मरण के अवसर पर हम कसम खाते है कि देश को तोड़ने पर भी उन विचार धारा के खिलाफ पूरजोर संघर्ष करेगी.
कार्यक्रम को राष्ट्र सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेश खैरनार, सेवाग्राम आश्रम के पूर्व अध्यक्ष मा.म.गडकरी, नागपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता फ़िरदौस मिर्ज़ा, आमिर अली अजानी आदि ने संबोधित किया.
महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष श्री शिवचरण सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम में शामिल सामूहिक धन्यवाद दिया. कार्यक्रम का संचालन श्री अविनाश काकडे ने किया.